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Female Navel Torture By Doctor ( Navel Torture Ideas)
Nabhi Me piercing or gahra karwane ke liye mail kare
Saturday, October 22, 2022
Sunday, May 29, 2022
sundi me 14 injection ki kahani
Tuesday, December 21, 2021
Sundi me Injection or infection dono ek sath hue
हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब मै नाभि का दीवाना हाज़िर हु फिर एक नयी नाभि इंजेक्शन की कहानी के साथ तो किसी को नाभि में टार्चर या पियर्सिंग करवानी हो तो कमेंट में संपर्क करे। तो दोस्तों कहानी शुरू करते है। ये कहानी राजस्थान के एक गांव की महिला की है तो आप उनसे ही सुनकर मजा ले
हेलो दोस्तों मेरा नाम प्रियंका है मेरी उम्र 38 साल है मैं दो बच्चो की माँ हु और राजस्थान के एक गांव में रहती हु मेरी फॅमिली में मेरे 2 बच्चे है एक बेटा जिसकी उम्र 14 साल तो दूसरी 10 साल की बेटी है। मेरे पति ज्यादातर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते है। और मैं एक हाउसवाइफ हूँ और नार्मल सलवार कमीज में रहती हु। ये बात आज से 2 साल पहले की है। मेरे पति को सुंडी में रिंग बहुत पसंद है उन्होंने शहर से मेरी सुंडी में छेद करवा कर 2 दिन पहले ही रिंग पहनाई थी। मेरी सुंडी के बारे में बता दू मेरी सुंडी बच्चे होने के बाद बहुत ज्यादा बड़ी हो गयी थी। मैं घर में सलवार कमीज ही पहनती थी और सलवार का नाड़ा भी सुंडी के ऊपर ही बांधती थी। पति को काम से जाना था तो वो अगले दिन ही चले गए। मेरी नयी रिंग की वजह से सुंडी में थोड़ा दर्द था मुझे पर जिसने रिंग पहनाई थी उसने छेड़ने या निकालने से मना किया था छेड़ने से उसमे इन्फेक्शन हो सकता था पर मेरी किस्मत में शायद कुछ और ही था मैं सुबह घर के बाहर की सफाई कर रही थी तभी 3 आवारा कुत्ते लड़ते हुए आए मैंने उन्हें भगाया तो उनमे से 1 मुझ पर ही झपट गया और मेरे पैर में काट लिया मैं चिल्लाई तभी मेरा बेटा आया और उसने उनको भगाया उसने मुझे संभाला और अंदर ले गया मुझे बहुत दर्द हो रहा था। उसने मेरे पति को फ़ोन करके बताया तो वो बोले गांव के डॉक्टर को दिखा लो। मैंने कहा ठीक है.मैंने बड़ी मुश्किल से बेटे का टिफिन बनाकर उसे स्कूल भेजा और सारा काम ख़तम किया। फिर बेटी को साथ लेकर डॉक्टर साहब के हॉस्पिटल गयी। हमारे गांव में एक ही डॉक्टर थे सभी उनके पास ही जाते थे हर बीमारी के लिए वो मेरे पति को भी जानते थे। डॉक्टर साहब की उम्र 58 साल की थी उनके क्लिनिक में 2 नर्स भी थी उनके साथ। मैं गयी तो वहा कोई नहीं था। मैं सीधे ही अंदर चली गयी। डॉक्टर को नमस्ते की और बताया की कुत्ते ने काट लिया है। उन्होंने देखा अच्छे से और घाव को साफ किया मेरी बेटी वहा एक बेंच पर बैठी थी। डॉक्टर ने पट्टी कर दी और बोले 3 इंजेक्शन लगेंगे चलो 1 अभी लगा देता हु और मुझे टेबल पर लेटने को बोला। मैं लेट गयी मुझे नहीं पता था की इंजेक्शन कहा लगने वाले है और मैंने पूछा भी नहीं। मैंने सलवार कमीज पहन रखी थी। सुंडी में रिंग भी पहनी हुई थी उसमे भी दर्द था थोड़ा। तभी दोनों नर्स आयी मेरे पास और मेरी कमीज ऊपर कर दी। मुझसे बिना पूछे मैंने पूछा ये क्यों ऊपर की तो वो हसने लगी बोली इंजेक्शन नहीं लगाना क्या डॉक्टर साहब आ रहे है तो मैंने पूछा इंजेक्शन तो कमर में नहीं लगेगा क्या तो वो बोली नहीं तुम्हारी सुंडी के अंदर लगेगा ये सुनकर मैं घबरा गयी पर मैंने कुछ कहा नहीं सलवार अभी भी मेरी सुंडी से ऊपर ही थी नर्स इंजेक्शन रेडी कर रही थी। इतने में डॉक्टर आये और मेरे पेट पर हाथ रखा और सलवार ढीली करने को कहा मैंने नाडा ढीला करके सलवार सुंडी से निचे खिसका दी। मेरी सुंडी में रिंग देख कर डॉक्टर बोले अच्छा लग रहा है काफी. मैंने थैंक्स कहा। एक नर्स ने मेरे हाथ ऊपर करके पकड़ लिए दूसरी डॉक्टर को इंजेक्शन दे रही थी मुझे डर लग रहा था मैंने पूछा रिंग को निकालना तो नहीं पड़ेगा उन्होंने कहा नहीं। फिर डॉक्टर ने नर्स से कुछ इशारा किया और नर्स ने मेरी सुंडी की रिंग को पकड़ कर थोड़ा साइड किया मुझे दर्द हुआ। मैं कुछ बोलती इतने में ही डॉक्टर ने सुंडी को रुई से साफ करके इंजेक्शन सुंडी के बीच में घुसा दिया मैं चिल्लाने लगी बहुत दर्द हो रहा था नर्स ने कहा हो गया 2 मिनट बस उसने मेरी रिंग भी पकड़ी हुई थी। डॉक्टर ने इंजेक्शन बाहर निकाल कर सुंडी में रुई से मसल दिया उसमे थोड़ा खून भी आया था। नर्स ने कहा उठ जाओ डॉक्टर बाहर चले गए थे अगले मरीज़ के पास मैंने अपनी सलवार का नाडा सुंडी से ऊपर बांध लिया और खड़ी होकर आ गयी बाहर सभी मुझे ही देख रहे थे नर्स ने उनको बताया की सुंडी में इंजेक्शन लगा है इसलिए चिल्ला रही थी डॉक्टर ने अगले दिन आने को कहा। मैं मेरी बेटी के साथ घर आ गयी। आते ही हस्बैंड को बताया सुंडी में इंजेक्शन लग रहे है मैं तो नहीं जाती कल बहुत दर्द हो रहा था ऊपर से रिंग की वजह से भी दर्द था। हस्बैंड ने समझाया की ये ज़रूरी है नहीं तो रेबीज़ हो सकता था। मैंने कहा शहर के डॉक्टर तो सुंडी में इंजेक्शन नहीं लगाते तो वो बोले इस बारे में पता नहीं मुझे तो पर मेरे पास काम बहुत ज्यादा है मैं शहर नहीं ले जा सकता प्लीज यही से करवा लो ये ज़रूरी भी है। तो मैंने कहा ठीक है पर मैं रिंग निकाल देती हु तो वो बोले रिंग वाले ने बोला था 1 महीने से पहले नहीं निकालनी नहीं तो छेद बंद हो जायेगा मैंने कहा ठीक है दर्द सहन कर लुंगी। मेरी सुंडी के अंदर और ऊपर दोनों जगह बहुत दर्द था। अगले दिन दोपहर में मै अकेली ही गयी। वहा बहुत भीड़ थी करीब 45 मिनट बाद मेरा नंबर आया। मेरी सुंडी में पहले से ही दर्द हो रहा था। डॉक्टर ने देखते ही अंदर लेटने का इशारा किया मैंने सलवार सुंडी के ऊपर बांध रखी थी। मैं अंदर लेट गयी सीधे नर्स आयी और मेरी कुर्ती ऊपर करने का इशारा किया मैंने कुर्ती ऊपर कर दी। नर्स इंजेक्शन भर रही थी। इतने में दूसरी नर्स और डॉक्टर आ गए दूसरी नर्स ने मेरी सलवार सुंडी से निचे खिसका दी। और रिंग को पकड़ कर साइड किया मुझे दर्द हुआ पर मैंने सहन किया। एक नर्स ने हाथ पकड़े और डॉक्टर ने सुंडी को रुई से साफ किया और इंजेक्शन एक दम बीच में घुसा दिया कल भी इसी जगह इंजेक्शन लगा था मुझे बहुत दर्द हुआ मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी। मैं इतना तेज़ चिलायी की कुछ मरीज़ अंदर ही आ गए। नर्स ने कहा बस हो गया। इतने में डॉक्टर ने इंजेक्शन निकाल लिया और रुई से मसल दिया और बाहर चले गए। मैं उठने लगी मुझसे उठा नहीं जा रहा था सुंडी में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था नर्स ने पकड़ कर उठाया मैं घर आ गयी। नर्स ने सुंडी में बर्फ लगाने को बोला था। रात को मेरे बेटे ने बर्फ से सिकाई की तब थोडा दर्द कम हुआ पर मेरे पियर्सिंग के छेद में से गन्दा पानी निकल रहा था मैंने सुबह उसे साफ किया अब मेरी पियर्सिंग वाली जगह और सुंडी के अंदर सूजन आ गयी थी पर क्या करती सोचा आज तो आखिरी इंजेक्शन है लगवाना तो पड़ेगा ही। बिना मन के गयी वहा तो पता लगा डॉक्टर का ट्रांसफर हो गया है। नर्स भी एक ही थी दूसरी छुट्टी पर थी। मरीज भी कोई नहीं था उस दिन ये नर्स भी कुछ टाइम पहले ही लगी थी इसकी उम्र 19 साल ही थी इसको ज्यादा नॉलेज भी नहीं थी। मैंने इंजेक्शन का पूछा तो उसने मना कर दिया। मैंने कहा डॉक्टर ने कहा था ज़रूरी है। आप एक बार बात तो कर लो उसे थोड़ा गुस्सा आया मुझ पर उसने बिना मन की सीनियर नर्स को फ़ोन लगाया और मेरे इंजेक्शन के बारे में पूछा फिर मुझे लेटने को बोला मुझे सुंडी में बहुत दर्द था बड़ी मुश्किल से मैं लेट गयी सलवार कमीज ही पहनी थी। सलवार सुंडी के ऊपर थी वो नर्स आयी अंदर और मेरी कुर्ती ऊपर करके सलवार का नाडा ढीला कर दिया मैंने कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा है तो बोली कोई न देख लुंगी मै उसने सुंडी देखते ही बोला सफाई करनी पड़ेगी पहले रिंग निकाल कर मैंने रिंग निकालने से मना कर दिया तो उसने रिंग पकड़ कर साइड की और रुई में डेटोल लगा कर अंदर से साफ करने लगी मेरी जान निकल गयी बहुत तेज़ दर्द हो रहा था ,मैं चिल्लाने लगी और उसका हाथ पकड़ लिया वो बोली ये क्या कर रही हो आप मुझे अपना काम करने दो और भी बहुत काम है मैंने बोला मुझे दर्द हो रहा है तो बोली 2 मिनट ही होगा मेरी चीख सुनकर वहा सफाई कर रही काम वाली आ गयी नर्स ने इंजेक्शन उठाया मैंने देखा तो पहले ही चिल्लाने लगी और उसका हाथ पकड़ लिया। नर्स ने काम वाली को इशारा किया उसने एक दम से मेरे हाथ पकड़ लिए मजबूती से नर्स ने मेरा रुमाल मेरे मुंह में ठूँस दिया मैं कुछ बोल भी नहीं स्की उसने एक दम से इंजेक्शन सुंडी में घुसा दिया मेरी हालत ख़राब हो गयी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था मैंने चिल्लाने की बहुत कोशिश की पर मुंह में कपडा होने की वजह से घू घु उउउ की आवाज़ आ रही थी उसने जल्दी से सुंडी साफ की और मुझे छोड़ दिया मैंने बोला अपने बहुत दर्द किया आपको इंजेक्शन लगाना नहीं आता तो वो मुझ पर भड़क गयी। मैं जैसे तैसे घर आ गयी सुंडी की हालत ख़राब थी पुरे दिन रेस्ट किया अगले दिन तक दर्द और बढ़ गया था सूजन भी बहुत आ गयी थी सुंडी में से गन्दा पानी आने लग गया था। अंदर की चमड़ी भी गल गयी थी। इंजेक्शन वाली जगह में सूजन आ गयी थी। और मेरी सुंडी पूरी तरह बाहर की तरफ निकल गयी थी। मैंने पति को सारी बात बताई तो वो बोले दोबारा दिखा कर आओ उनको मैंने मना किया तो डांटने लगे। मैं जैसे तैसे करके वहा गयी। वहां एक नई डॉक्टर आ गयी थी 45 साल के आस पास की मोटी महिला थी। दोनों नर्स भी वही थी। देखने में ये डॉक्टर थोड़ा खड़ूस लग रही थी। मैंने बताया सारी बात तो मुझे लेटने को बोला मैं लेट गयी सलवार कमीज ही पहनी थी। नर्स ने मेरी कमीज उठाकर सलवार सुंडी से नीचें खिसका दी। डॉक्टर आयी और टोर्च मेरी सुंडी पर मारी और देखते ही बोली इन्फेक्शन हो गया है। रिंग को उतार दो एक बार मैंने रिंग उतार दी उसने सुंडी के अंदर देखा तो बोली इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है। दवाई लिख देती हु 2 दिन बाद फिर से दिखाना नहीं ठीक हुआ तो इंजेक्शन लगाने पड़ेंगे इसमें मैं बहुत डर गयी। पर बोली नहीं कुछ दवाई लिख दी उसने मैं घर आ गयी 2 दिन दवाई से कुछ भी फर्क नहीं पड़ा। पति को बताया तो बोले दोबारा जाओ और इंजेक्शन लगवा लो इलाज ज़रूरी है मुझे बहुत डर लग रहा था। पर क्या करती जैसे तैसे गयी दोबारा। डॉक्टर ने पूछा आराम है क्या मैंने कहा नहीं वो बोली दिखाओ मैंने बैठे बैठे ही दिखा दिया कमीज ऊपर करके वो बोली इंजेक्शन ही देने पड़ेंगे 2 आज 1 लगवा लो। मैं अंदर जाकर लेट गयी पेट खोलकर तभी वो दोनों नर्स आयी उनके हाथ में कुछ था मैं कुछ पूछती इतने में ही उन दोनों ने मुझे पकड़ा और हाथ पैर बांधने लगी मैंने कहा ये क्या कर रहे हो आप वो बोली डॉक्टर ने कहा है इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है सुंडी की सफाई भी करनी है अगर आप हिल गयी तो दिक्कत हो जाएगी और बहार मरीज भी बहुत है हम उनको देखने जा रहे है डॉक्टर आती ही होंगी। मैं चुप चाप लेटी रही डर भी लग रहा था मेरे दोनों हाथ और पैर बंधे हुए थे पेट खुला हुआ था। करीब 10 मिनट बाद डॉक्टर आयी उनके हाथ में 1 बहुत बड़ा इंजेक्शन था जो गाय भैंस के लगते है उतना बड़ा। और एक कपडा भी था सफ़ेद रंग का मुझे पूरा नहीं दिखा।डॉक्टर ने आते ही मेरी सुंडी में कुछ लगाया मुझे बहुत जलन होने लगी मैं हिलने लगी पेट हिलने लगा मेरा और मैं चिल्लाने लगी दर्द हो रहा है। डॉक्टर ने रुई से मेरी सुंडी साफ की। और एक हाथ से मेरा पेट पकड़ लिया। और इंजेक्शन की सुई घुसाने ही वाली थी की मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई इतने में एक नर्स आ गयी डॉक्टर ने कुछ इशारा किया और नर्स ने मेरे मुँह में वो कपडा ठूस दिया। अब मेरी आवाज़ बंद हो गयी। नर्स ने मेरा पेट पकड़ लिया और डॉक्टर ने सुंडी में इंजेक्शन की सुई रखकर ज़ोर से घुसा दिया मेरी जान ही निकल गयी मैंने बहुत ज़ोर से चिल्लाने की कोशिश की मेरे मुँह में कपडा था वो निकल गया और मैं चिल्लाने लगी डॉक्टर ने इंजेक्शन पूरा घुसा दिया सुंडी में नर्स ने वो कपडा वापस मेरे मुँह में ठूंस दिया और मेरे ही दुप्पटे से मेरा मुंह बांध दिया अब मैं बिलकुल नहीं चीला सकती थी मेरे पेट में भी दर्द होने लगा था और सुंडी में तो ऐसे लग रहा था जैसे चाकू घुसा दिया हो। मैं बेहोश होने लगी थी। इतने में दूसरी नर्स आयी और डॉक्टर को बताया इमरजेंसी केस आया है कोई डिलीवरी का डॉक्टर मुझे छोड़ कर चली गयी जल्दी से नर्स ने इंजेक्शन पूरा किया। मेरी सुंडी में रुई घुसा दी और वो मुझे ऐसे ही छोड़ कर चली गयी मेरे हाथ पैर बंधे थे मुँह में कपडा था मैं बेहोश हो गयी थी सुंडी में बहुत दर्द था। आधे घंटे बाद मुझे होश आया। तब मेरे हाथ पैर बंधे थे मुँह भी बंद था पर वहां कोई नहीं था। मेरी सुंडी में बहुत दर्द था। मैंने चिल्लाने की कोशिश की पर मुँह बंद होने की वजह से ज्यादा नहीं चिल्ला पाई। 10 मिनट बाद एक नर्स आयी और मुझे खोला और सुंडी में पट्टी कर दी और कुछ दवाई की पर्ची दी मैं घर आ गयी और अगले दिन फिर जाना था पर मैं नहीं गयी। मेरी सुंडी 3 महीने बाद ठीक हुई। आज भी मेरी सुंडी में उस इंजेक्शन और पियर्सिंग का निशान है।
तो दोस्तों कैसी लगी ये कहानी हमें ज़रूर बताये मेरा ईमेल है akashgoyal9111@gmail.com नाभि में टार्चर पियर्सिंग और नाभि को गहरा करवाना हो तो मेल में संपर्क करे धन्यवाद
Friday, September 3, 2021
Dog ke katne par nabhi me injection
हैल्लो दोस्तों कैसे हो सब मैं नाभि का दीवाना हाजिर हु फिर एक नई और सच्ची नाभि इंजेक्शन की कहानी के साथ कहानी शुरू करने से पहले मैं बता दूँ की हम लोगों द्वारा भेजी सच्ची कहानी पोस्ट करना पसंद करते है आपके पास कोई नाभि इंजेक्शन से संबंधित कोई कहानी हो तो हमें भेज दीजिये हम पोस्ट कर देंगे किसी को नाभि में पियर्सिंग करवानी हो तो हमसे संपर्क करे तो दोस्तों अब कहानी शुरू करते है ये कहानी उतर प्रदेश की रहने वाली एक महिला की कहानी है तो आप उनसे ही सुन कर मज़े लीजिये
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सुमन है मेरी उम्र 29 साल है मैं एक हाउसवाइफ हु और उतर प्रदेश के एक गांव में रहती हु मेरी शादी को 5 साल हो गए है मेरे परिवार में पति और ससुर जी है। मेरे पति और ससुर खेती करते है मैं भी उनका हाथ बांटती हु काम में। मैं ज्यादातर साड़ी पहनती हु गांव में वैसे भी साड़ी ही पहनी जाती है मैं साड़ी को अपनी नाभि से 3 इंच नीचे बांधती हु मेरा खुला पेट और नाभि सब देखते थे गांव में मेरी नाभि बहुत बड़ी और गहरी भी थी। मैं इन सब में ज्यादा ध्यान नहीं देती थी ससुर के सामने हमेशा घूँघट में ही रहना पड़ता था। ये घटना आज से 4 साल पहले की है ससुर जी घर पे ही थे मैं खेत में पति को खाना देकर घर आ रही थी की अचानक 2 गांव के आवारा कुत्ते मेरे पीछे लग गए और मेरे पैर में काट लिया सोभाग्य से मै घर के पास ही थी मैं चिल्लाई ज़ोर से तो ससुर जी आ गए उन्होंने मुझे संभाला और घर के अंदर लेकर गए। मेरे खून निकल रहा था तो वो बोले चलो बहु डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा और वो मुझे गांव के एक क्लिनिक में ले गए हमारे गांव में एक ही डॉक्टर था गांव वाले सब उनके पास ही जाते थे उनका एक छोटा सा क्लिनिक था जिसमे वो अकेले ही बैठते थे। डॉक्टर की उम्र 50 साल थी। वो ससुर जी को भी जानते थे ससुर जी ने कहा डॉक्टर साहब बहु को कुत्ते ने काट लिया मैं घूँघट में ही थी। डॉक्टर ने मुझे बैठाया और चेक करके बैंडेज लगा दी और बोले 3 इंजेक्शन लगेंगे अंदर जाकर लेट जाओ। मैं अंदर चली गयी ससुर जी बाहर बैठे थे। मैं अंदर जाकर डॉक्टर की तरफ पीठ करके लेट गयी। डॉक्टर आये हाथ में इंजेक्शन लेकर उसमे दवाई भरी और मुझे बोले सीधे लेट जाओ मैंने पूछा क्यों तो वो बोले इंजेक्शन पेट में लगेगा ये सुनकर मैं हैरान हो गयी क्यूंकि मैंने सुना था कुत्ता काटने पर इंजेक्शन अब पेट में नहीं लगते वो पहले लगते थे मैंने कुछ कहा नहीं और सीधे लेट गयी। मेरी साड़ी नाभि से 3 इंच नीचे थी। अब मेरा खुला पेट और गहरी नाभि डॉक्टर के सामने थी। मेरा पल्लू घूँघट से हट गया था। मैं डॉक्टर को देख रही थी मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था डॉक्टर ने इंजेक्शन रेडी किया और मेरे पास आये और बोले अपना घूँघट कर लो मैंने पूछा क्यों तो वो बोले तुम देखोगी तो अजीब लग रहा है.मुझे थोड़ी हंसी आ गयी मैंने घूँघट कर लिया। फिर उन्होंने एक पेन लिया और उसकी नोक से मेरी नाभि के बीचो बिच लगाया मैंने कहा ये क्या कर रहे हो आप तो वो बोले इंजेक्शन नाभि के अंदर लगेगा बीचो बीच तो पेन से निशान लगाया है मैंने ओके कहा और फिर मेरी नाभि को स्प्रिट और रुई से साफ किया और इंजेक्शन की सुई उस निशान पर लगा कर एक झटके से घुसा दिया नाभि के बीचो बीच मेरी जान ही निकल गयी मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी बहुत दर्द हो रहा था डॉक्टर ने मेरा एक हाथ पकड़ रखा था और धीरे धीरे इंजेक्शन को दबा रहा था फिर उसने इंजेक्शन निकाल लिया और नाभि में रुई रख दी और बोलै इसे दबा कर रखना मैं उठ गयी पर अभी भी ऐसा लग रहा था जैसे इंजेक्शन नाभि के अंदर ही हो। मैंने कहा बहुत दर्द हुआ उसने कहा नाभि में ज्यादा दर्द होता ही है ये इंजेक्शन नाभि में ही लगेंगे मैंने कुछ नहीं कहा और बाहर आ गयी मैं घूँघट में ही थी नाभि मेरी पल्लू से ढकी हुई थी रुई अभी भी भरी हुई थी। फिर ससुर जी और डॉक्टर आपस में कुछ बात कर रहे थे। फिर हम घर आ गए डॉक्टर ने अगले दिन आने को कहा था। रात को मेरी नाभि में बहुत दर्द हो रहा था। इंजेक्शन वाली जगह पर निशान बन गया था। अगले दिन फिर मैं ससुर जी के साथ गयी। डॉक्टर को नमस्ते की उसने अंदर लेटने का इशारा किया मैं अंदर जाकर लेट गयी ससुर जी बाहर ही थे। मैं घूँघट में ही थी साड़ी नाभि से नीचे ही थी। मैं सीधी लेट गयी पेट और नाभि खुले ही थी। डॉक्टर अंदर आये इंजेक्शन भरने लगे। मुझे आज डर लग रहा था नाभि में पहले से ही दर्द था। डॉक्टर मुझसे बोले आप कल बहुत ज्यादा हिल रही थी और चिल्ला भी रही थी आज मत हिलना इंजेक्शन गलत लग जाता तो दिक्कत हो जाती कल इतना चिल्लाई थी मेरे पडोसी पूछने आ गए थे आपके जाने के बाद मैंने कहा डॉक्टर दर्द बहुत होता है क्या करती अपने आप ही चीख निकल जाती है। वो बोले यहाँ कोई है भी नहीं जो आपके हाथ पकड़ सके वो ससुर जी को बुलाने लगे हाथ पकड़ने के लिए मैंने रोक दिया मैंने कहा ससुर जी के सामने नहीं मुझे शर्म आती है तो वो बोले मैं हाथ पैर बांध देता हु कहो तो और कोई इलाज नहीं है आप हिल गयी तो इंजेक्शन गलत लग जायेगा मैंने सोचा यही ठीक है ससुर जी को बुला लेगा नहीं तो ये मैंने हा कर दी। उन्होंने तुरंत ही रस्सी उठायी जो बैड के नीचे रखी थी और मेरे दोनों हाथ और दोनों पैर बैड से बांध दिए मैंने सोचा इसने पहले से ही सब तैयारी कर रखी थी क्या तुरत ही रस्सी भी पास ही थी फिर मैंने सोचा हो सकता है मेरी ग़लतफ़हमी हो बांधने के बाद बोला अब चिल्लाने का कैसे करे मैंने कहा दर्द होगा तो चीख निकल ही जाएगी मैं क्या करू तो वो बोला मुंह बंद कर देता हु मैंने सोचा अब इसमें क्या दिक़्क़्क़त है मेरे लिए ही तो कर रहा है चिल्लाने से कोई आ गया तो अच्छा नहीं लगेगा गांव में वैसे भी जल्दी बात बन जाती है मैंने ठीक है बोला। उसने वही पास रखा एक सफ़ेद रंग का कपड़ा उठाया और उसे मरोड़ कर मेरे पास आया मैं घूँघट में बंधी हुई थी हिल भी नहीं सकती थी उसने ही मेरा घूँघट हटाया और मुँह खोलने को बोला मैंने जैसे ही मुंह खोला उसने वो कपडा पूरा का पूरा जबरदस्ती मेरे मुँह में ठूँस दिया मेरी तो एक दम से जान ही निकल गयी उसने घूँघट वापस कर दिया वो कपडा गन्दा था शायद उसने पहले भी किसी के मुंह में ठूंसा हो मुझे उलटी आने लगी पर मैं कुछ कर नहीं सकती थी। अब मैं बेबस थी न तो हिल सकती थी न ही बोल सकती थी न ही देख सकती थी। मुझे घूँघट में से थोड़ा बहुत ही दिख रहा था डॉक्टर ने मेरी नाभि में ऊँगली घुसाई फिर स्प्रिट से साफ किया और इंजेक्शन की सुई रखी नाभि के अंदर और एक दम से घुसा दी मेरी तो जान ही निकल गयी इस बार तो दर्द पहले से भी ज्यादा था अच्छा हुआ जो मुँह में कपडा था नहीं तो मैं बहुत चिल्लाती मेरी चीख अंदर ही दब गयी उसने पूरी सुई घुसा दी और दबाने लगा मुझे बहुत दर्द हो रहा था फिर उसने इंजेक्शन निकाला तो मेरी नाभि में खून आ रहा था उसने रुई से साफ किया। मुझे रस्सी से खोला मैंने मुँह से कपडा निकाला तो तुरंत ही मुझे उलटी आ गयी। डॉक्टर ने मुझे दवाई दी मेरी नाभि में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। मुझसे चला नहीं जा रहा था। अगले दिन आखिरी इंजेक्शन लगना था। जबकि मेरी नाभि में बहुत ही ज्यादा दर्द था और हल्का खून भी आ रहा था इंजेक्शन तो दूर मुझसे हाथ भी नहीं लगाया जा रहा था। मैं जैसे तैसे घर आ गयी। अगले दिन फिर गयी मैं ससुर जी के साथ ही साड़ी ही पहनी थी रोज की तरह घूँघट में ही थी। नाभि में बहुत दर्द था। डॉक्टर ने अंदर लेटने को कहा मैं चुप चाप जाकर लेट गयी साड़ी नाभि से 4 इंच नीचे थी। नाभि में हल्का खून था मैं सीधे लेट गयी डॉक्टर अंदर आये और आते ही मुझसे बिना पूछे मुझे बांधने लगे। मैंने कुछ नहीं बोला उन्होंने रस्सी से मेरे हाथ और पैर बैड से बांध दिए। फिर वही गन्दा कपडा उठाया और मेरा घूँघट हटा कर मुँह खोलने को बोला मैं उनसे कहना चाह रही थी की मेरी नाभि में बहुत ज्यादा दर्द है इंजेक्शन कमर में या हाथ में लगा दो। मैंने जैसे ही बोलने के लिए मुँह खोला उन्होंने मेरी बात शुरू होने से पहले ही उस गंदे कपडे को मुंह में ठूंस दिया। मैं कुछ बोल ही नहीं पायी आँखों से इशारा कर रही थी पर उन्होंने तुरंत बिना देखे घूँघट कर दिया। मुझे उलटी आने लगी और कुछ दिख भी नहीं रहा था। और डर भी लग रहा था क्यूंकि नाभि में बहुत दर्द था। उन्होंने इंजेक्शन भरा और मेरी नाभि को साफ किया मुझे रुई से भी दर्द हो रहा था मैं चिल्लाने की कोशिश कर रही थी पर उसने ध्यान नहीं दिया मैंने बहुत मुश्किल से पेट को हिलने से रोका डॉक्टर ने एक हाथ मेरे पेट पर रखा नाभि को चौड़ा किया और एक झटके से इंजेक्शन सीधे नाभि के बीच घुसा दिया मुझे तो ऐसा लगा जैसे किसी ने नाभि में चाकू ही घुसा दिया मैं तड़प रही थी चिल्लाने की बहुत कोशिश कर रही थी मेरे मुँह में कपडा होने से आवाज़ घु घु की आ रही थी डॉक्टर ने ध्यान ही नहीं दिया मेरी आंखों से आंसू आ गए बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था मेरी नाभि में जैसे ही उसने इंजेक्शन दबाया मेरी जान ही निकल गयी और उलटी भी आ गयी मुंह में कपडा होने की वजह से उलटी मुँह में अंदर ही थी मेरी हालत बहुत ख़राब हो गयी थी। उसने इंजेक्शन निकल कर नाभि में रुई घुसा दी। और ऊँगली से मसल दी। फिर मेरे हाथ खोले तो मैंने सबसे पहले मुँह में ठूंसा हुआ कपड़ा निकाला और उलटी की फिर डॉक्टर ने बोला 3 इंजेक्शन हो गए अब आने की ज़रूरत नहीं मैंने राहत की साँस ली और डॉक्टर को नाभि दिखाई और कहा दर्द बहुत ज्यादा है उन्होंने कहा थोड़ी दिन में ठीक हो जायेगा नहीं तो दिखा जाना मैंने कहा ठीक है और हम घर आ गए मेरी नाभि 1 महीने बाद ठीक हो गयी। डॉक्टर ने मुझे बांध कर मुंह बंद करके इंजेक्शन लगाए ये बात मैंने किसी से नहीं कही शायद डॉक्टर ठीक था अपनी जगह उसने मेरे सेफ्टी के लिए ही मुझे बांधा तो दोस्तों आपकी क्या राय है इस बारे में कमेंट में ज़रूर बताये धन्यवाद
तो दोस्तो कैसी लगी आपको सुमन की ये कहानी हमें ज़रूर बताना और किसी के पास नाभि इंजेक्शन की असली कहानी हो तो मेल करे akashgoyal9111@gmail.com पर हम नाभि पर पियर्सिंग भी करते है किसी को करवाना हो तो सम्पर्क करे
Monday, August 10, 2020
Ganv Ki ladki ka bhukhar doctor ne nabhi me injection dekar utara
अब कहानी पर आते है ये कहानी हमे भेजी है राधिका नाम की लड़की ने तो ये कहानी आप उसी की जुबान से सुने हेलो दोस्तों मैं राधिका उतर प्रदेश के छोटे से गांव से हु मेरी उम्र 25 साल है रंग गोरा है मैं ज्यादातर सलवार सूट ही पहनती हु और मैं हमेशा अपनी सलवार को नाभि से ऊपर ही बांधती हूँ। मेरी नाभि गहरी और छोटी सी है। मेरी नाभि में एक अजीब सी बदबू आती है मैं रोज सफाई करती हूँ फिर भी आती है इस बदबू का मुझे तब पता लगा जब मेरी एक सहेली मेरे घर आयी हुई थी ये बात आज से पांच या 6 साल पहले की है उसने जीन्स टॉप पहना था उसकी नाभि दिख रही थी जीन्स में मैंने देखा उसकी नाभि में कुछ लगा था सफ़ेद सफ़ेद रुई जैसा कुछ मैंने बिना उस से पूछे उसकी नाभि में ऊँगली घुसा कर उसे निकाल दिया उसने मुझे बोंला की अपनी ऊँगली जरा सूंघ के तो देख ,मैंने जब उसे सुंघा तो एक अजीब सी बदबू आ रही थी मेरी ऊँगली में काफी आकर्षित थी वो मैंने पूछा ऐसा कैसे है तब उसने बताया की ये सभी के होता है जिसकी नाभि गहरी होती है उन सभी के मैंने उसकी बात नहीं मानी उसने कहा खुद के देख लेना चेक करके मैंने चेक किया तो मैं हैरान रह गयी मेरी नाभि में भी वैसी ही बदबू थी। इस बात को 1 महीना गुजर गया मुझे एक दिन कमजोरी महसूस हो रही थी और बुखार भी लग रहा था तो मम्मी ने मुझे गांव के ही डॉक्टर के पास जाने को कहा वो डॉक्टर एक ही था पुरे गांव में सब उसी के पास जाते थे वो हमारे परिवार को जानता भी था तो मैं और मेरी मम्मी अकेले ही चली गयी। डॉक्टर एक 60 साल का बूढ़ा आदमी था ये एक सरकारी केंद्र था डॉक्टर के आलावा 2 नर्स भी थी वहॉ मैं जाकर बैठ गयी मेरा नंबर सबसे आखिर में था। मैंने सलवार सूट पहना था जब मेरा नंबर आया तो डॉक्टर और नर्स के आलावा और कोई नहीं था। मेरी मम्मी मेरे साथ ही थी डॉक्टर ने पूछा क्या हुआ तो मैंने बता दिया बुखार है पेट में दर्द है और कमजोरी लग रही है डॉक्टर ने बुखार चेक किया थोड़ा सा बुखार था पेट दर्द के लिए वो मुझे अंदर जाकर लेटने को बोलै मम्मी बहार थी। मैं लेट गयी वहां एक नर्स थी जिसने मेरा सूट ऊपर किया मेरी सलवार नाभि के ऊपर थी मेरी नाभि नहीं दिख रही थी फिर डॉक्टर आये और पेट पर हाथ रखा और चेक किया और पूछा कहा दर्द है मैंने बता दिया उसने ऊपर से ही देख लिया और सूट वापस निचे कर दिया और बोलै इंजेक्शन दे देता हूँ मैंने कहा ठीक है डॉक्टर ने नर्स को कुछ कहा और चला गया उसने मेरी मम्मी को बताया की इंजेक्शन दे रहे है ठीक हो जाएगी मम्मी ने कहा ठीक है फिर दोनों नर्स और डॉक्टर आये डॉक्टर ने नर्स को कुछ कहा और उसने मुझसे बिना पूछे मेरा सूट ऊपर कर दिया मुझे लगा चेक कर रहे है मैं कुछ नहीं बोली फिर डॉक्टर आये उनके हाथ में एक इंजेक्शन था जिसकी सुई लम्बी थी मुझे डर लग रहा था पर मैंने कुछ बोला नहीं डॉक्टर ने आते ही मेरी सलवार का नाडा खोला और सलवार नाभि से निचे कर दी मैंने कहा ये क्या कर रहे हो आप वो बोलै इंजेक्शन लगा रहा हु नाभि में लगेगा इंजेक्शन ये सुनते ही मैं रोने लग गयी और चिल्लाने लग गयी मेरी आवाज़ बाहर तक जा रही थी मेरी मम्मी भी घबरा गयी तभी मैं कुछ समझ पाती इतने में एक नर्स ने मेरे मुँह में एक कपड़ा ठूँस दिया और मेरी आवाज़ बंद हो गयी उन दोनों ने मेरे हाथ पैर पकड़ लिए डॉक्टर ने बाहर जाकर मेरी मम्मी से कहा की ये इंजेक्शन नहीं ले रही है इसलिए रो रही है आप चिंता मत करे। फिर वो अंदर आया और मेरी हालत देखकर हंस रहा था और फिर उसने मेरी नाभि में ऊँगली डाली फिर उसने मेरी नाभि की बदबू भी सूंघ ली वो डॉक्टर था उसे पता ही होगा बदबू के बारे में बदबू सूंघते ही वो मदमस्त हो गया और रुई से मेरी नाभि की सफाई करने लग गया मैं चिल्ला भी नहीं सकती थी मेरे मुंह में कपडा था। उसने सुई की नोक मेरी नाभि के बीचो बिच की गांठ में रखी और ज़ोर से दबा दी सुई पूरी मेरी नाभि में घुस गयी और वो धीरे धीरे प्रेस कर रहा था उसे मैं रो रही थी मेरे मुंह से उउउउउउम्मम्मम्मम्मम की आवाज़ आ रही थी पुरे 2 मिनट तक उसने वो सुई घुसा कर रखी और फिर एक झटके से बहार निकल दी मेरी नाभि खून से भर गयी उसने नाभि को रुई से साफ किया और फिर नाभि में साफ रुई भर कर पट्टी कर दी नर्स ने मेरे मुंह से कपड़ा निकाल लिया मुझे नाभि में बहुत दर्द हो रहा था जलन भी हो रही थी मेरी सलवार पर थोड़ा सा नाभि का खून लग गया था। मैं चल भी नहीं पा रही थी। हम घर आ गए मुझे रोना आ रहा था पर ये भी नहीं समझ आया की उसने नाभि में इंजेक्शन क्यों दिया। मेरी मम्मी ने सलवार में लगा खून देख लिया तो मैंने मेरी मम्मी को नाभि की हालत दिखा दी नाभि पर पट्टी लगी हुई थी मम्मी ने पूछा ये क्या है मैंने बता दिया डॉक्टर ने नाभि में इंजेक्शन लगाया है मम्मी भी हैरान हो गयी और दोबारा उस डॉक्टर के जाने से मना किया। तीन से चार दिन में मेरी नाभि नार्मल हो गयी। तो ये थी मेरी नाभि में इंजेक्शन की कहानी।
दोस्तों ये कहानी कैसी लगी कमेंट में बताना और किसी को अपनी नाभि की कहानी पोस्ट करवानी हो तो भी कमेंट करे और नाभि में छेद करवाने और नाभि गहरा करवाने के लिए सम्पर्क करे धन्यवाद
Thursday, April 23, 2020
nabhi me injections ki anokhi or sacchi kahani
मम्मी रोने लग गयी। फिर वो बोला इंजेक्शन की डोज़ बढ़ानी होगी और 150 ml का इंजेक्शन मंगवा लिया। मम्मी मना करने लगी तो पापा ने मनाने की कोशिश की पर नहीं मानी और चिल्लाने लगी वंहा भीड़ हो गयी लोगों की डॉक्टर ने असिस्टेंस को कुछ कहा और वो चारो आदमियों के साथ आ गया और उन चारो ने मम्मी को पकड़ कर बेड से बांध दिया मम्मी लगातार चिला रही थी हमें बाहर भेज दिया मम्मी की आवाज़ आ रही थी बाहर तक फिर मैंने देखा उनमे से 1 आदमी कुछ लेकर गया था रूम में सफेद सफेद दिख रहा था और एक काले रंग का कपडा था मैंने शीशे में से देखा तो वो एक सफ़ेद रंग की पट्टी थी जो जखम पर लगाते है डॉक्टर फिर मैंने इग्नोर कर दिया डॉक्टर अंदर गए फिर अचानक मम्मी के चिल्लाने की आवाज़ कम हो गयी मैंने देखा तो वो सफेद पट्टी मम्मी के मुंह में ठूँस दी थी उन लोगों ने जिस से मम्मी के मुँह से केवल गऊ गूऊऊऊ की आवाज़ आ रही थी और वो काले रंग की पट्टी मम्मी की आंखों पर बांध दी थी मैंने देखा डॉक्टर ने इंजेक्शन लिया नाभि को साफ करके एक झटके से बेरहमी से मम्मी की गहरी नाभि में बीचो बीच घुसा दिया मम्मी ने बहुत हिलने की कोशिश की और चिल्लाने की भी पर न तो वो हिल सकती थी और न ही चिल्ला सकती थी क्यूंकि हाथ पैर बंधे थे मुँह में वो पट्टी ठूंसी हुई थी 2 आदमियों के पेट पकड़ा हुआ था और मैंने देखा डॉक्टर ने मम्मी की नाभि पर एक चिमटी लगा रखी थी वो चिमटी शायद नाभि को चौड़ा रखने के लिए थी। पुरे 3 मिनट तक वो इंजेक्शन की मोटी सुई मम्मी की गहरी नाभि में घुसी हुई थी फिर डॉक्टर ने इंजेक्शन निकाल कर रुई से साफ किया मम्मी की नाभि पूरी भर गयी खून से डॉक्टर चला गया वो चिमटी अभी तक लगी हुई थी असिस्टेंस मम्मी की नाभि में डेटोल लगा कर साफ कर रहा था और फिर नाभि में रुई ठूसकर टेप लगा दी और मम्मी के हाथ पैर खोल दिए और मुँह में ठूंसी हुई पट्टी निकाल दी। मुँह खुलते ही मम्मी रोने लगी ज़ोर ज़ोर से और बाहर आ गयी फिर हम चले गए अगले दिन से रोज़ मम्मी को ऐसे ही इंजेक्शन लगते हाथ पैर बांधकर और अब तो मुंह में पट्टी भी ठूसते थे और आंखों पर पट्टी बांध देते थे जैसे करके 30 इंजेक्शन पुरे हुए। मम्मी की नाभि जो बहुत गहरी थी फूलकर बाहर निकल गयी थी और लाल हो गयी थी गन्दा पानी निकल रहा था और नाभि के बीचो बीच जहा इंजेक्शन लगे थे वंहा निशान बन गया था जिसमे से खून निकल रहा था क्यूंकि लास्ट इंजेक्शन के बाद डॉक्टर ने पट्टी नहीं की नाभि खुली हुई थी। अगले दिन हम फिर चेकउप के लिए गए मम्मी की नाभि बाहर निकल गयी थी और दर्द पहले से भी ज्यादा था मम्मी ने आज सलवार सूट पहना था पेट तो मोटा था ही नाभि बाहर निकलकर सूज गयी थी इतनी ज्यादा सूज गयी थी की सूट से भी पता लग रहा था की नाभि बाहर है। हम पहुंचे तो डॉक्टर ने मम्मी को लेटाया फिर पेट खोला और पापा को भी बुला लिया उनके सामने चेक कर रहा था मम्मी बोली दर्द बहुत ज्यादा है। डॉक्टर ने टोर्च से चेक की पहले फिर ऊँगली से दबाया नाभि को तो मम्मी चिल्लाई फिर वो बाहर गया और वो चिमटी लाया और नाभि को पकड़ा उस से तो मम्मी चिल्लाने लगी और रोने लगी डॉक्टर अपना काम कर रहा था फिर वो बोला इनकी नाभि में कोई फर्क नहीं है ऑपरेशन ही करना होगा नाभि को काटना होगा पूरा और कोई इलाज नहीं है पापा ने सोचा कुछ देर फिर हा कर दिया और कोई ऑप्शन नहीं था। फिर डॉक्टर ने अपने असिस्टेंस को बुलाकर बता दिया की ऑपरेशन की तैयारी कर लो वो लोग तैयारी में लग गए। फिर मम्मी को ऑपरेशन रूम में लेकर जा रहे थे मम्मी रो रही थी पापा समझा रहे थे की कुछ नहीं होगा। फिर मैंने देखा मम्मी को अंदर ले गए मम्मी के रोने की आवाज़ आ रही थी बाहर तक हम बाहर थे फिर मैंने देखा वो चारो आदमी अंदर गए उनके पास रस्सी और वो मुंह में ठूंसने वाली पट्टी भी थी उनके अंदर जाने के 5 मिंट बाद डॉक्टर अंदर गए मम्मी की आवाज़ बहुत तेज आ रही थी चिल्लाने की जैसे इंजेक्शन लग रहे हो पर मुझे कुछ नहीं दिख रहा था थोड़ी देर में मम्मी की आवाज़ कम हो गयी गऊ गूऊऊऊ की आवाज़ आने लगी शायद मम्मी का मुँह बंद हो गया था। फिर थोड़ी देर बाद आवाज़ बिलकुल बंद हो गयी थी और 1 घंटे बाद मम्मी को बाहर लाये तो मम्मी बेहोश थी उनकी नाभि वाली जगह पर पट्टी की हुई थी 3 घंटे बाद मम्मी को होश आया तो मम्मी ने बताया की अंदर जाने के बाद उनके साथ क्या हुआ था। सबसे पहले तो उनके हाथ पैर बहुत ही टाइट रस्सी से बांध दिए गए थे और पेट पर भी रस्सी से बांध दिया गया था।फिर उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी फिर उनकी नाभि पर चिमटी लगाई गयी थी नाभि को खोले रखने के लिए फिर जब वो बहुत चिल्लाने लगी तो डॉक्टर के कहने पर उनके मुंह में वो पट्टी ठूँस दी गयी जिस से उनकी आवाज़ दब गयी फिर डॉक्टर ने 4 इंजेक्शन नाभि के सेण्टर पॉइंट में लगाए जिसमे से 2 इंजेक्शन सुन करने के लिए थे और 2 बेहोश करने के लिए उस से मम्मी पर कोई असर नहीं हुआ वो तड़प रही थी फिर एक इंजेक्शन हाथ पर लगाया गया और वो बेहोश हो गयी बेहोश होते टाइम उनके हाथ पैर बंधे थे मुँह में वो पट्टी थी फिर जब होश आया तब नाभि कट चुकी थी बिलकुल दर्द नहीं था वह क्युकी वो सुन हो गया था हाथ पैर और मुँह भी खुले थे डॉक्टर नाभि में टांके लगा रहा था मम्मी देख रही थी सब डॉक्टर ने बोला आपकी नाभि काट दी है अब कोई दर्द नहीं होगा फिर वो चला गया और उनके असिस्टेंस ने नाभि पर पट्टी कर दी। 3 दिन तक मम्मी को वहां रखा गया जब घर भेजा तो डॉक्टर ने खुद मम्मी की नाभि का चेकउप किया मैं वही था उसने पट्टी उतार दी और फिर डेटोल से साफ किया मम्मी को जलन हो रही थी उनकी नाभि गायब थी बस टांकों के धागे दिख रहे थे नाभि सिली हुई थी फिर उसने देखकर कहा की अब ठीक है 15 दिन बाद टाँके खोल देंगे और दूसरी पट्टी कर दी। फिर हम घ्रर आ गए। 15 दिन बाद मम्मी टांके खुलवाने गयी तब भी सलवार सूट पहना था पापा बाहर गए हुए थे तो मैं और मम्मी गए थे डॉक्टर ने पूछा अब कैसे है मम्मी बोली जी ठीक है अब तो फिर वो मम्मी को रूम में ले गया मैं भी वही था साथ में मम्मी को लिटा दिया और असिस्टेंस रस्सी लाया तो मम्मी ने कहा अब बांधने की क्या ज़रूरत है दर्द नहीं है तो उसने कहा डॉक्टर साहब ने कहा है ब्लेड से टांके काटेंगे तो आप हिली तो ब्लेड लग जायेगा पेट पर इसलिए बांध रहा हु फिर मम्मी ने आराम से बंधवा लिया फिर उसने मम्मी की नाभि वाली जगह साफ की तो मम्मी को जलन हुई फिर डॉक्टर आये और ब्लेड से टांके काटने लगे मम्मी थोड़ा हिली तो असिस्टेंस ने पकड़ लिया मम्मी का मोटा पेट 2 मिनट में मम्मी के टांके काट दिए फिर मम्मी को उठा दिया और कुछ दवाई लिख दी फिर हम घर आ गए मेरी मम्मी की नाभि ख़तम हो चुकी थी सिर्फ गहरी नाभि का निशान रह गया था।
तो दोस्तों ये थी दोस्त की मम्मी की नाभि की मस्त और सच्ची कहानी ये कहानी आपको कैसी लगी मुझे ज़रूर बताना और किसी को अपनी नाभि में टार्चर और पियर्सिंग करवाना हो तो कांटेक्ट करना जल्द ही कोई नई कहानी के साथ हाज़िर होऊंगा
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