हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब मै नाभि का दीवाना हाज़िर हु फिर एक नयी नाभि इंजेक्शन की कहानी के साथ तो किसी को नाभि में टार्चर या पियर्सिंग करवानी हो तो कमेंट में संपर्क करे। तो दोस्तों कहानी शुरू करते है। ये कहानी राजस्थान के एक गांव की महिला की है तो आप उनसे ही सुनकर मजा ले
हेलो दोस्तों मेरा नाम प्रियंका है मेरी उम्र 38 साल है मैं दो बच्चो की माँ हु और राजस्थान के एक गांव में रहती हु मेरी फॅमिली में मेरे 2 बच्चे है एक बेटा जिसकी उम्र 14 साल तो दूसरी 10 साल की बेटी है। मेरे पति ज्यादातर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते है। और मैं एक हाउसवाइफ हूँ और नार्मल सलवार कमीज में रहती हु। ये बात आज से 2 साल पहले की है। मेरे पति को सुंडी में रिंग बहुत पसंद है उन्होंने शहर से मेरी सुंडी में छेद करवा कर 2 दिन पहले ही रिंग पहनाई थी। मेरी सुंडी के बारे में बता दू मेरी सुंडी बच्चे होने के बाद बहुत ज्यादा बड़ी हो गयी थी। मैं घर में सलवार कमीज ही पहनती थी और सलवार का नाड़ा भी सुंडी के ऊपर ही बांधती थी। पति को काम से जाना था तो वो अगले दिन ही चले गए। मेरी नयी रिंग की वजह से सुंडी में थोड़ा दर्द था मुझे पर जिसने रिंग पहनाई थी उसने छेड़ने या निकालने से मना किया था छेड़ने से उसमे इन्फेक्शन हो सकता था पर मेरी किस्मत में शायद कुछ और ही था मैं सुबह घर के बाहर की सफाई कर रही थी तभी 3 आवारा कुत्ते लड़ते हुए आए मैंने उन्हें भगाया तो उनमे से 1 मुझ पर ही झपट गया और मेरे पैर में काट लिया मैं चिल्लाई तभी मेरा बेटा आया और उसने उनको भगाया उसने मुझे संभाला और अंदर ले गया मुझे बहुत दर्द हो रहा था। उसने मेरे पति को फ़ोन करके बताया तो वो बोले गांव के डॉक्टर को दिखा लो। मैंने कहा ठीक है.मैंने बड़ी मुश्किल से बेटे का टिफिन बनाकर उसे स्कूल भेजा और सारा काम ख़तम किया। फिर बेटी को साथ लेकर डॉक्टर साहब के हॉस्पिटल गयी। हमारे गांव में एक ही डॉक्टर थे सभी उनके पास ही जाते थे हर बीमारी के लिए वो मेरे पति को भी जानते थे। डॉक्टर साहब की उम्र 58 साल की थी उनके क्लिनिक में 2 नर्स भी थी उनके साथ। मैं गयी तो वहा कोई नहीं था। मैं सीधे ही अंदर चली गयी। डॉक्टर को नमस्ते की और बताया की कुत्ते ने काट लिया है। उन्होंने देखा अच्छे से और घाव को साफ किया मेरी बेटी वहा एक बेंच पर बैठी थी। डॉक्टर ने पट्टी कर दी और बोले 3 इंजेक्शन लगेंगे चलो 1 अभी लगा देता हु और मुझे टेबल पर लेटने को बोला। मैं लेट गयी मुझे नहीं पता था की इंजेक्शन कहा लगने वाले है और मैंने पूछा भी नहीं। मैंने सलवार कमीज पहन रखी थी। सुंडी में रिंग भी पहनी हुई थी उसमे भी दर्द था थोड़ा। तभी दोनों नर्स आयी मेरे पास और मेरी कमीज ऊपर कर दी। मुझसे बिना पूछे मैंने पूछा ये क्यों ऊपर की तो वो हसने लगी बोली इंजेक्शन नहीं लगाना क्या डॉक्टर साहब आ रहे है तो मैंने पूछा इंजेक्शन तो कमर में नहीं लगेगा क्या तो वो बोली नहीं तुम्हारी सुंडी के अंदर लगेगा ये सुनकर मैं घबरा गयी पर मैंने कुछ कहा नहीं सलवार अभी भी मेरी सुंडी से ऊपर ही थी नर्स इंजेक्शन रेडी कर रही थी। इतने में डॉक्टर आये और मेरे पेट पर हाथ रखा और सलवार ढीली करने को कहा मैंने नाडा ढीला करके सलवार सुंडी से निचे खिसका दी। मेरी सुंडी में रिंग देख कर डॉक्टर बोले अच्छा लग रहा है काफी. मैंने थैंक्स कहा। एक नर्स ने मेरे हाथ ऊपर करके पकड़ लिए दूसरी डॉक्टर को इंजेक्शन दे रही थी मुझे डर लग रहा था मैंने पूछा रिंग को निकालना तो नहीं पड़ेगा उन्होंने कहा नहीं। फिर डॉक्टर ने नर्स से कुछ इशारा किया और नर्स ने मेरी सुंडी की रिंग को पकड़ कर थोड़ा साइड किया मुझे दर्द हुआ। मैं कुछ बोलती इतने में ही डॉक्टर ने सुंडी को रुई से साफ करके इंजेक्शन सुंडी के बीच में घुसा दिया मैं चिल्लाने लगी बहुत दर्द हो रहा था नर्स ने कहा हो गया 2 मिनट बस उसने मेरी रिंग भी पकड़ी हुई थी। डॉक्टर ने इंजेक्शन बाहर निकाल कर सुंडी में रुई से मसल दिया उसमे थोड़ा खून भी आया था। नर्स ने कहा उठ जाओ डॉक्टर बाहर चले गए थे अगले मरीज़ के पास मैंने अपनी सलवार का नाडा सुंडी से ऊपर बांध लिया और खड़ी होकर आ गयी बाहर सभी मुझे ही देख रहे थे नर्स ने उनको बताया की सुंडी में इंजेक्शन लगा है इसलिए चिल्ला रही थी डॉक्टर ने अगले दिन आने को कहा। मैं मेरी बेटी के साथ घर आ गयी। आते ही हस्बैंड को बताया सुंडी में इंजेक्शन लग रहे है मैं तो नहीं जाती कल बहुत दर्द हो रहा था ऊपर से रिंग की वजह से भी दर्द था। हस्बैंड ने समझाया की ये ज़रूरी है नहीं तो रेबीज़ हो सकता था। मैंने कहा शहर के डॉक्टर तो सुंडी में इंजेक्शन नहीं लगाते तो वो बोले इस बारे में पता नहीं मुझे तो पर मेरे पास काम बहुत ज्यादा है मैं शहर नहीं ले जा सकता प्लीज यही से करवा लो ये ज़रूरी भी है। तो मैंने कहा ठीक है पर मैं रिंग निकाल देती हु तो वो बोले रिंग वाले ने बोला था 1 महीने से पहले नहीं निकालनी नहीं तो छेद बंद हो जायेगा मैंने कहा ठीक है दर्द सहन कर लुंगी। मेरी सुंडी के अंदर और ऊपर दोनों जगह बहुत दर्द था। अगले दिन दोपहर में मै अकेली ही गयी। वहा बहुत भीड़ थी करीब 45 मिनट बाद मेरा नंबर आया। मेरी सुंडी में पहले से ही दर्द हो रहा था। डॉक्टर ने देखते ही अंदर लेटने का इशारा किया मैंने सलवार सुंडी के ऊपर बांध रखी थी। मैं अंदर लेट गयी सीधे नर्स आयी और मेरी कुर्ती ऊपर करने का इशारा किया मैंने कुर्ती ऊपर कर दी। नर्स इंजेक्शन भर रही थी। इतने में दूसरी नर्स और डॉक्टर आ गए दूसरी नर्स ने मेरी सलवार सुंडी से निचे खिसका दी। और रिंग को पकड़ कर साइड किया मुझे दर्द हुआ पर मैंने सहन किया। एक नर्स ने हाथ पकड़े और डॉक्टर ने सुंडी को रुई से साफ किया और इंजेक्शन एक दम बीच में घुसा दिया कल भी इसी जगह इंजेक्शन लगा था मुझे बहुत दर्द हुआ मैं ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी। मैं इतना तेज़ चिलायी की कुछ मरीज़ अंदर ही आ गए। नर्स ने कहा बस हो गया। इतने में डॉक्टर ने इंजेक्शन निकाल लिया और रुई से मसल दिया और बाहर चले गए। मैं उठने लगी मुझसे उठा नहीं जा रहा था सुंडी में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था नर्स ने पकड़ कर उठाया मैं घर आ गयी। नर्स ने सुंडी में बर्फ लगाने को बोला था। रात को मेरे बेटे ने बर्फ से सिकाई की तब थोडा दर्द कम हुआ पर मेरे पियर्सिंग के छेद में से गन्दा पानी निकल रहा था मैंने सुबह उसे साफ किया अब मेरी पियर्सिंग वाली जगह और सुंडी के अंदर सूजन आ गयी थी पर क्या करती सोचा आज तो आखिरी इंजेक्शन है लगवाना तो पड़ेगा ही। बिना मन के गयी वहा तो पता लगा डॉक्टर का ट्रांसफर हो गया है। नर्स भी एक ही थी दूसरी छुट्टी पर थी। मरीज भी कोई नहीं था उस दिन ये नर्स भी कुछ टाइम पहले ही लगी थी इसकी उम्र 19 साल ही थी इसको ज्यादा नॉलेज भी नहीं थी। मैंने इंजेक्शन का पूछा तो उसने मना कर दिया। मैंने कहा डॉक्टर ने कहा था ज़रूरी है। आप एक बार बात तो कर लो उसे थोड़ा गुस्सा आया मुझ पर उसने बिना मन की सीनियर नर्स को फ़ोन लगाया और मेरे इंजेक्शन के बारे में पूछा फिर मुझे लेटने को बोला मुझे सुंडी में बहुत दर्द था बड़ी मुश्किल से मैं लेट गयी सलवार कमीज ही पहनी थी। सलवार सुंडी के ऊपर थी वो नर्स आयी अंदर और मेरी कुर्ती ऊपर करके सलवार का नाडा ढीला कर दिया मैंने कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा है तो बोली कोई न देख लुंगी मै उसने सुंडी देखते ही बोला सफाई करनी पड़ेगी पहले रिंग निकाल कर मैंने रिंग निकालने से मना कर दिया तो उसने रिंग पकड़ कर साइड की और रुई में डेटोल लगा कर अंदर से साफ करने लगी मेरी जान निकल गयी बहुत तेज़ दर्द हो रहा था ,मैं चिल्लाने लगी और उसका हाथ पकड़ लिया वो बोली ये क्या कर रही हो आप मुझे अपना काम करने दो और भी बहुत काम है मैंने बोला मुझे दर्द हो रहा है तो बोली 2 मिनट ही होगा मेरी चीख सुनकर वहा सफाई कर रही काम वाली आ गयी नर्स ने इंजेक्शन उठाया मैंने देखा तो पहले ही चिल्लाने लगी और उसका हाथ पकड़ लिया। नर्स ने काम वाली को इशारा किया उसने एक दम से मेरे हाथ पकड़ लिए मजबूती से नर्स ने मेरा रुमाल मेरे मुंह में ठूँस दिया मैं कुछ बोल भी नहीं स्की उसने एक दम से इंजेक्शन सुंडी में घुसा दिया मेरी हालत ख़राब हो गयी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था मैंने चिल्लाने की बहुत कोशिश की पर मुंह में कपडा होने की वजह से घू घु उउउ की आवाज़ आ रही थी उसने जल्दी से सुंडी साफ की और मुझे छोड़ दिया मैंने बोला अपने बहुत दर्द किया आपको इंजेक्शन लगाना नहीं आता तो वो मुझ पर भड़क गयी। मैं जैसे तैसे घर आ गयी सुंडी की हालत ख़राब थी पुरे दिन रेस्ट किया अगले दिन तक दर्द और बढ़ गया था सूजन भी बहुत आ गयी थी सुंडी में से गन्दा पानी आने लग गया था। अंदर की चमड़ी भी गल गयी थी। इंजेक्शन वाली जगह में सूजन आ गयी थी। और मेरी सुंडी पूरी तरह बाहर की तरफ निकल गयी थी। मैंने पति को सारी बात बताई तो वो बोले दोबारा दिखा कर आओ उनको मैंने मना किया तो डांटने लगे। मैं जैसे तैसे करके वहा गयी। वहां एक नई डॉक्टर आ गयी थी 45 साल के आस पास की मोटी महिला थी। दोनों नर्स भी वही थी। देखने में ये डॉक्टर थोड़ा खड़ूस लग रही थी। मैंने बताया सारी बात तो मुझे लेटने को बोला मैं लेट गयी सलवार कमीज ही पहनी थी। नर्स ने मेरी कमीज उठाकर सलवार सुंडी से नीचें खिसका दी। डॉक्टर आयी और टोर्च मेरी सुंडी पर मारी और देखते ही बोली इन्फेक्शन हो गया है। रिंग को उतार दो एक बार मैंने रिंग उतार दी उसने सुंडी के अंदर देखा तो बोली इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है। दवाई लिख देती हु 2 दिन बाद फिर से दिखाना नहीं ठीक हुआ तो इंजेक्शन लगाने पड़ेंगे इसमें मैं बहुत डर गयी। पर बोली नहीं कुछ दवाई लिख दी उसने मैं घर आ गयी 2 दिन दवाई से कुछ भी फर्क नहीं पड़ा। पति को बताया तो बोले दोबारा जाओ और इंजेक्शन लगवा लो इलाज ज़रूरी है मुझे बहुत डर लग रहा था। पर क्या करती जैसे तैसे गयी दोबारा। डॉक्टर ने पूछा आराम है क्या मैंने कहा नहीं वो बोली दिखाओ मैंने बैठे बैठे ही दिखा दिया कमीज ऊपर करके वो बोली इंजेक्शन ही देने पड़ेंगे 2 आज 1 लगवा लो। मैं अंदर जाकर लेट गयी पेट खोलकर तभी वो दोनों नर्स आयी उनके हाथ में कुछ था मैं कुछ पूछती इतने में ही उन दोनों ने मुझे पकड़ा और हाथ पैर बांधने लगी मैंने कहा ये क्या कर रहे हो आप वो बोली डॉक्टर ने कहा है इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है सुंडी की सफाई भी करनी है अगर आप हिल गयी तो दिक्कत हो जाएगी और बहार मरीज भी बहुत है हम उनको देखने जा रहे है डॉक्टर आती ही होंगी। मैं चुप चाप लेटी रही डर भी लग रहा था मेरे दोनों हाथ और पैर बंधे हुए थे पेट खुला हुआ था। करीब 10 मिनट बाद डॉक्टर आयी उनके हाथ में 1 बहुत बड़ा इंजेक्शन था जो गाय भैंस के लगते है उतना बड़ा। और एक कपडा भी था सफ़ेद रंग का मुझे पूरा नहीं दिखा।डॉक्टर ने आते ही मेरी सुंडी में कुछ लगाया मुझे बहुत जलन होने लगी मैं हिलने लगी पेट हिलने लगा मेरा और मैं चिल्लाने लगी दर्द हो रहा है। डॉक्टर ने रुई से मेरी सुंडी साफ की। और एक हाथ से मेरा पेट पकड़ लिया। और इंजेक्शन की सुई घुसाने ही वाली थी की मैं बहुत ज़ोर से चिल्लाई इतने में एक नर्स आ गयी डॉक्टर ने कुछ इशारा किया और नर्स ने मेरे मुँह में वो कपडा ठूस दिया। अब मेरी आवाज़ बंद हो गयी। नर्स ने मेरा पेट पकड़ लिया और डॉक्टर ने सुंडी में इंजेक्शन की सुई रखकर ज़ोर से घुसा दिया मेरी जान ही निकल गयी मैंने बहुत ज़ोर से चिल्लाने की कोशिश की मेरे मुँह में कपडा था वो निकल गया और मैं चिल्लाने लगी डॉक्टर ने इंजेक्शन पूरा घुसा दिया सुंडी में नर्स ने वो कपडा वापस मेरे मुँह में ठूंस दिया और मेरे ही दुप्पटे से मेरा मुंह बांध दिया अब मैं बिलकुल नहीं चीला सकती थी मेरे पेट में भी दर्द होने लगा था और सुंडी में तो ऐसे लग रहा था जैसे चाकू घुसा दिया हो। मैं बेहोश होने लगी थी। इतने में दूसरी नर्स आयी और डॉक्टर को बताया इमरजेंसी केस आया है कोई डिलीवरी का डॉक्टर मुझे छोड़ कर चली गयी जल्दी से नर्स ने इंजेक्शन पूरा किया। मेरी सुंडी में रुई घुसा दी और वो मुझे ऐसे ही छोड़ कर चली गयी मेरे हाथ पैर बंधे थे मुँह में कपडा था मैं बेहोश हो गयी थी सुंडी में बहुत दर्द था। आधे घंटे बाद मुझे होश आया। तब मेरे हाथ पैर बंधे थे मुँह भी बंद था पर वहां कोई नहीं था। मेरी सुंडी में बहुत दर्द था। मैंने चिल्लाने की कोशिश की पर मुँह बंद होने की वजह से ज्यादा नहीं चिल्ला पाई। 10 मिनट बाद एक नर्स आयी और मुझे खोला और सुंडी में पट्टी कर दी और कुछ दवाई की पर्ची दी मैं घर आ गयी और अगले दिन फिर जाना था पर मैं नहीं गयी। मेरी सुंडी 3 महीने बाद ठीक हुई। आज भी मेरी सुंडी में उस इंजेक्शन और पियर्सिंग का निशान है।
तो दोस्तों कैसी लगी ये कहानी हमें ज़रूर बताये मेरा ईमेल है akashgoyal9111@gmail.com नाभि में टार्चर पियर्सिंग और नाभि को गहरा करवाना हो तो मेल में संपर्क करे धन्यवाद
No comments:
Post a Comment